स्टोमिन इंडिया -4 का समापन लेकिन स्टोन इंडस्ट्री में स्टोन टेक्नोलॉजी का नवीन सूत्रपात

पत्थर को सोना बनाने वाली टेक्नोलॉजी से हजारों विजिटर्स हुए रूबरू

उदयपुर। स्टोन इंडस्ट्री से जुड़ी संपूर्ण भारत सहित विदेशी तकनीक के समावेश के साथ एशिया की सबसे बड़ी मार्बल मंडी राजसमंद के मेवाड़ क्लब में आयोजित चार दिवसीय स्टोमिन इंडिया -4 का समापन बुधवार को हुआ।   स्टोमिन के आयोजक स्टोन हेल्पलाइन कारपोरेशन के सीईओ मोहन बोहरा ने बताया कि इस बार की स्टोमिन इंडिया की थीम “बिजनेस बूस्टर” के अनुरूप एग्जीबिशन में विशेष तौर से नवीन तकनीकों को प्रदर्शित किया गया था, जिसके लिए सलेक्शन भी काफी महत्वपूर्ण रहा, कि किस तरीके से एक खदान से मार्बल स्लैब निकलने और निकलने से लेकर उस मार्बल स्लैब को अलग-अलग प्रक्रिया से गुजरने के बाद उस रूप तक लेकर आना, जिसमें वह कई होटल , रिजॉर्ट , मॉल, घरेलू एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठान या ऐसे बड़े स्थान पर लगते हैं जहां उनकी वास्तविक जगह है। 

इस प्रोसेस में कई सारी मशीन्स का उपयोग, टूल्स ,एब्रेसिव, केमिकल, पॉलिशिंग का उपयोग होता है, उससे संबंधित कंपनी ने यहां एग्जीबिट किया।

USA ओर साउथ इंडिया से भी पहुंचे विजिटर्स

बोहरा ने बताया कि इस एग्जीबिशन में राजसमंद सहित आबू, जालौर, किशनगढ़,अहमदाबाद,जयपुर, बेंगलुरु,अजमेर, भीलवाड़ा यहां तक की यूएसए से 15 लोगों का डेलिगेशन ओर साउथ इंडिया से भी कई विजिटर्स पहुंचे। एग्जीबिशन के तीसरे दिन जहां एग्जीबिटर्स की डील फाइनल हुई तो वहीं चौथे दिन समापन पर भी कई एग्जीबिटर्स की डिस्प्ले मशीन्स के भी सौदे हुए ओर साथ ही आने वाले समय के लिए काफी मजबूत व्यापारिक रिश्ते भी बने हैं। कई व्यापारिक पूछताछ यहां पर हुई है, जो आने वाले निकट भविष्य में एक बायर्स टू बायर्स बिजनेस या बायर्स टू कस्टम डील में कन्वर्ट होगी।

विजिटर्स के लिए स्वर्णिम अवसर

बोहरा ने बताया कि यहां पर आए विजिटर्स के लिए यह स्वर्णिम अवसर था जब न सिर्फ भारत बल्कि विदेशी कंपनी के स्टॉल्स भी यहां लगी हुई थी जिनके उत्पाद को वह लाइव डेमो के लिए यहां देख पाए। जिन डेमो को देखने के लिए हजारों रुपए खर्च करने पड़ते हैं। वह नि:शुल्क रूप में विजिटर्स ने स्टोमिन में देखा समझा और कैसे अपने स्टोन इंडस्ट्रीज में उसको जोड़कर व्यापार को और मुनाफे को बढ़ाया जाता है इसके लिए कंपनी ओनर या कंपनी के उच्च पदाधिकारियों से बात की जिनसे समय मिलना भी आमतौर पर काफी मुश्किल होता है। 

स्टॉर्मिंग ने बायर्स टू बायर्स बिजनेस ओर बायर्स टू कस्टम के लिए ऐसा प्लेटफार्म स्थापित किया जिसके कारण स्थानीय व्यापारियों को विदेशी तकनीक के बारे में एक बेहतर समझ उपलब्ध हो पाई। मोहरा ने बताया कि स्टोमिन -5 का एक वृहद रूप अब आगामी 2026 में देखने को मिलेगा।

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