राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जयपुर, अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण राजसमंद राघवेन्द्र काछवाल व सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, राजसमंद संतोष अग्रवाल के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, राजसमंद द्वारा प्रतिवर्ष 10 दिसंबर को मनाये जाने वाले अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के उपलक्ष्य में जिला कारागृह, राजसमंद में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर प्राधिकरण कार्मिक हेमंत पालीवाल, वरिष्ठ सहायक ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 10 दिसम्बर 1948 को सार्वभौमिक मानवाधिकार घोषणा पत्र को अधिकारिक मान्यता दी गई, अतः प्रत्येक वर्ष 10 दिसम्बर को मानवाधिकार दिवस मनाया जाता हेै। संविधान में प्रत्येक व्यक्ति के मूल अधिकार दियें जिन्हे मानवाधिकार भी कहते है। उनके अधिकारों के सरंक्षण के लिये राष्ट्रीय स्तर एवं राज्य स्तर पर मानवाधिकार आयोग भी बनाया गया है जो प्रत्येक व्यक्ति के मानवाधिकारों की संरक्षण के लिये प्रतिबद्ध है। इस दौरान असिस्टेंट एलएडीसी श्री प्रखर खण्डेलवाल ने संविधान में प्रदत मूल अधिकार यथा समता का अधिकार, स्वंतत्रता का अधिकार, निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार, शोषण के विरूद्ध अधिकार, धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार, संस्कृति और शिक्षा संबंधी अधिकार, संवैधानिक उपचारों का अधिकार के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करते हुये बताया कि प्रत्येक व्यक्ति को न्याय प्राप्त करने का अधिकार है जिसके तहत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा निःशुल्क अधिवक्ता उपलब्ध करवाया जाता है।
उपअधीक्षक जिला कारागृह, राजसमंद श्री हेमंत सालवी ने बंदियों को जानकारी दी कि संविधान ने जहां हमें अधिकार प्रदान किये है वहीं मौलिक कर्तव्य भी बताये जिनकी पालना प्रत्येक नागरिक को करनी चाहिए जैसे राष्ट्रीय ध्वज, स्मारक, राष्ट्रगान के प्रति सम्मान रखना, सरकारी सम्पति को नुकसान नहीं पहुंचाना, देश की अखण्डता की रक्षा करना इत्यादि। उन्होंने मानव अधिकार के बारे में जानकारी देते हुये बताया कि स्वयं एवं समाज के व्यक्तियों के मानवाधिकारों की रक्षा करनी चाहिए। शिविर के दौरान प्राधिकरण कार्मिक सागर वर्मा निजी सहायक, हरदीप सिंह, प्रभाव सिंह असिस्टेंट एलएडीसी, शिवलाल, जिला कारागृह कार्मिक एवं बंदीगण मौजूद रहें।
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